Gold rate crash: why gold price fall and what it means for india

Gold Rate Crash : आज सोने की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना करीब 24 कैरेट का ₹12, 565 प्रति ग्राम और 22 कैरेट का ₹11, 515 प्रति ग्राम के आस-पास कारोबार कर रहा है, जो कुछ दिन पहले के दिवाली के दौरान 24 कैरेट का ₹13,079 प्रति ग्राम और 22 कैरेट का ₹11,980 प्रति ग्राम से नीचे आ गया है।

Gold rate crash - घरेलू मार्केट में भी Gold सस्ता

इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह है – प्रॉफिट बुकिंग (लाभ लेने के लिए बेचना)। पिछले कुछ हफ्तों में सोने में लगातार तेजी आई थी और अब निवेशक अपना मुनाफा निकाल रहे हैं। इसके अलावा डॉलर भी मजबूत हुआ है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग थोड़ी घटी है।

साथ ही, वैश्विक बाजारों में शांति लौट रही है – युद्ध और महंगाई की चिंताएं कुछ कम हुई हैं, इसलिए निवेशक अब शेयर बाजार और जोखिम वाले निवेश की तरफ जा रहे हैं। भारत में दीवाली और धनतेरस के बाद त्योहारी खरीदारी भी थोड़ी धीमी पड़ी है, जिससे घरेलू मांग में कमी आई है।

घरेलू मार्केट में क्या असर होगा?

भारत में सोना सिर्फ व्यपार ही नहीं, बल्कि एक परंपरा भी है। कीमतों में गिरावट का असर ज्वेलर्स, रिटेलर्स और आम खरीदारों पर अलग-अलग रूप में पड़ता है। जिन लोगों ने त्योहारों में खरीदारी नहीं की थी, उनके लिए अब कीमतों में गिरावट एक मौका है। दुकानों पर सोने के दाम थोड़ा नीचे आने से खरीदारी फिर से बढ़ सकती है।

लंबे समय के निवेशकों के लिए यह गिरावट कोई खतरा नहीं है, बल्कि यह खरीदारी शुरू करने का अच्छा समय हो सकता है। क्योंकि भारत में शादी का सीजन नज़दीक आते ही सोने की मांग फिर बढ़ जाएगी ।

घरेलू बाजार में असर

भारत में सोना सिर्फ निवेश या व्यापार नहीं, बल्कि लोगों की परंपरा और भरोसे का प्रतीक है। जब सोने की कीमतें गिरती हैं, तो इसका असर हर स्तर पर दिखता है – ट्रेडर, ज्वेलर्स, दुकानदारों और आम खरीदारों सभी पर। जो लोग त्यौहारों में खरीदारी नहीं कर पाए थे, उनके लिए अब यह बेहतरीन मौका है। दुकानों पर दाम थोड़ा घटे हैं, इसलिए लोग फिर से सोना खरीदने की सोच सकते हैं।

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि दुकानों पर दाम थोड़े नीचे आने से अगले कुछ दिनों में खरीदारी में तेजी देखने को मिल सकती है। आने वाले शादी सीजन में सोने की मांग फिर से बढ़ने की संभावना है, जिससे कीमतों में दोबारा तेजी आ सकती है। कुल मिलाकर, सोने की मौजूदा गिरावट निवेशकों के लिए डर की नहीं, बल्कि सोच-समझकर खरीदारी करने की है।


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क्या कीमत में और कमी आ सकता है?

अगले कुछ दिनों में सोने की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिका में महंगाई के आंकड़े (CPI) कैसे आते हैं और फेडरल रिज़र्व ब्याज दरों पर क्या फैसला करता है। अगर ब्याज दरें कम होती हैं या डॉलर कमजोर होता है, तो सोना फिर से तेजी पकड़ सकता है।

लेकिन अगर डॉलर और मजबूत हुआ या ब्याज दरें ऊँची रहीं, तो सोना कुछ समय तक ₹1,30,000 से ₹1,32,000 के बीच घूमता रह सकता है। भारतीय बाजारों में दीवाली के बाद खरीदारी भले धीमी पड़ी हो, लेकिन आने वाले शादी सीजन में मांग बढ़ने से सोने में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।

अब क्या करें – खरीदें या बेचें?

अगर आप छोटे निवेशक हैं, तो सबसे जरूरी है घबराना नहीं। सोने में गिरावट के बाद तुरंत बेचने की ज़रूरत नहीं होती।

1. शॉर्ट-टर्म ट्रेडर (Short-Term Trader): अगर आप छोटे समय के लिए ट्रेड करते हैं, तो थोड़ा रुकना समझदारी होगी। बाजार अभी CPI डेटा का इंतजार कर रहा है, इसलिए जल्दबाज़ी में खरीद या बिक्री न करें।

2. लॉन्ग-टर्म निवेशक (Long-Term Investor): सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश यानि “सैफ हेवन” माना गया है। मौजूदा गिरावट को एक खरीदारी का मौका समझा जा सकता है, खासकर अगर आप 6 महीने या उससे ज़्यादा समय के लिए निवेश कर रहे हैं।

आसान शब्दों में सोने की हालत

  • सोने की कीमतें गिरी हैं क्योंकि निवेशक मुनाफा ले रहे हैं और डॉलर मज़बूत हुआ है।
  • यह क्रैश नहीं, बल्कि एक सामान्य सुधार (Correction) है।
  • भारत में आने वाले महीनों में शादी और त्योहारों की मांग से सोना फिर से बढ़ सकता है।
  • यह शुरुआती निवेशकों के लिए सीखने और सही समय पर कदम उठाने का मौका है।

ज्वेलर्स और विक्रेताओं की मुश्किल

कई ज्वेलर्स जिन्होंने ऊँचे दाम पर सोना खरीदा था, अब घटते दामों में बेचते हुए नुकसान झेल रहे हैं। छोटे कारोबारियों के लिए पुराना स्टॉक संभालना मुश्किल हो गया है। कुछ दुकानदार डिस्काउंट या एक्सचेंज ऑफर देकर पुराना माल निकालने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कुछ बड़े ज्वेलर्स बेहतर दामों की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं।

ऐसे समय में ग्राहकों को हमेशा सर्टिफाइड ज्वेलर्स से ही खरीदारी करनी चाहिए और लेटेस्ट रेट चेक कर लेना जरूरी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है, किसी भी वित्तीय सलाह के रूप में न लें।

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